पश्चिमी यूपी में सामाजिक न्याय सम्मेलन में बजेगा अलग राज्य का शंखनाद

सहरानपुर (प्रवीण शर्मा)— पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य के रूप में पुनर्गठित करने की माँग एक बार फिर जनांदोलन बनाने की तैयारियां जोरो पर चल रही है। दलित–मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.सुरेन्द्र कुमार बौद्ध ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि सामाजिक न्याय सम्मेलन का आयोजन जल्द नगर पंचायत रामपुर मनिहारान की सरजमीं पर आयोजित किया जायेगा। जिसमें पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय परिवर्तन दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी.पी.यादव की भूमिका अहम होगी।

वही डॉ.बौद्ध ने कहा कि दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों तथा समाज के अन्य गरीब वर्गों को समान अवसर और सम्मान दिलाने के लिए अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश का गठन बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि लंबे समय से क्षेत्र की जनता आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक उपेक्षा का सामना कर रही है। क्षेत्र की जनसंख्या, संसाधन और योगदान के बावजूद यहाँ की जरूरतों को नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है। ऐसे में पुनर्गठन के लिए व्यापक जनसमर्थन जुटाने और आंदोलन को तेजी देने के लिए यह सम्मेलन ऐतिहासिक साबित होगा। बैठक के दौरान नगर पंचायत रामपुर मनिहारान के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद शहाबुद्दीन अहमद ने दलित–मुस्लिम एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.बौद्ध से शिष्टाचार भेंट की और कार्यक्रम की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनका पूर्व मंत्री डी.पी.यादव से उनके मजबूत रिश्ते है और वे एक ऐसे नेता जो रिश्तो को निभाते है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के प्रयासों में पूरा सहयोग देंगे। डॉ. बौद्ध ने स्पष्ट किया कि सम्मेलन में विभिन्न समाजों और वर्गों के प्रतिनिधि शामिल होंगे,जो एकजुट होकर सरकार से अलग राज्य की माँग करेंगे। उनका मानना है कि जब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा नहीं मिलता, तब तक यहाँ के लोगों को न्याय और विकास का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाएगा।राष्ट्रीय परिवर्तन दल एवं दलित–मुस्लिम एकता मंच का सामाजिक न्याय सम्मेलन न केवल क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य को नई दिशा देगा, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन को लेकर जनभावनाओं को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जाएगा, जिससे राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर सकारात्मक दबाव बने और जल्द से जल्द पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन का रास्ता प्रशस्त हो। इस अवसर पर फरमान इलाही, इलियास कुरैशी, हैदर साबरी, क़ाज़ी अहफाज़, मौलवी नज्म बशीर जमाल, शौकिन साबरी, खुर्शीद साबरी, जमशेद अली खां सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे और सभी ने सम्मेलन को सफल बनाने का संकल्प लिया।

काल्पनिक फ़ोटो
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