
मेडिकल कॉलेज मेरठ एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय में 19 से 28 सितंबर 2025 तक साँप काटने से बचाव एवं सही उपचार को लेकर एक जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को साँप काटने से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना तथा प्राथमिक उपचार और समुचित चिकित्सा के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों, विभागाध्यक्षों, रेजिडेंट डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में अधिकांश साँप गैर-ज़हरीले होते हैं, और घबराने के बजाय सही समय पर अस्पताल पहुंचना ही जान बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता सिंह ने बताया कि “साँप काटने के बाद धैर्य रखें और तुरंत अस्पताल जाएं।”
डॉ. आर.सी. गुप्ता, प्राचार्य, ने कहा, “समय पर इलाज ही जीवन रक्षक है।”
डॉ. ज्ञानेश्वर टोंक, उप-प्राचार्य ने अंधविश्वास से बचने की सलाह दी।
डॉ. धीरज बलियान, मुख्य अधीक्षक, ने बताया कि “एंटी-स्नेक वेनम सीरम (ASVS) सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है।”
डॉ. अरविंद कुमार आचार्य ने चार प्रमुख ज़हरीले साँपों (कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर) की पहचान पर प्रकाश डाला।
डॉ. स्नेहलता वर्मा और डॉ. अनुपमा वर्मा ने साँप काटने के बाद सावधानी बरतने और बच्चों में विशेष सतर्कता रखने पर जोर दिया।
इस अवसर पर डॉ. आभा गुप्ता, डॉ. संध्या गौतम, डॉ. श्वेता शर्मा सहित सभी विभागों के डॉक्टर और स्टाफ मौजूद रहे। कार्यक्रम ने जनसामान्य को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने और समय पर उपचार की अहमियत को समझाने में अहम भूमिका निभाई।