हापुड़ रोड पर राजधानी हॉस्पिटल के बाहर तीमारदार ने किया अमर्यादित कृत्य, पत्रकार ने देखा अस्पताल संचालक गैरजिम्मेदार

मेरठ, 18 जुलाई — सावन माह में शिवभक्तों की आस्था और सुरक्षा को लेकर जहां प्रशासन दिन-रात मुस्तैद है, वहीं कुछ असंवेदनशील लोग माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं। हापुड़ रोड स्थित राजधानी हॉस्पिटल के बाहर एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न केवल आमजन को विचलित किया बल्कि कावड़ यात्रा की पवित्रता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, कल रात हापुर रोड पर राजधानी हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज के तीमारदार और कर्मचारी ने अस्पताल के बाहर, उसी सड़क पर पेशाब कर दिया जिस मार्ग से कावड़ यात्रा निकल रही थी। यह दृश्य एक पत्रकार की नजर में आ गया, जिसने जब अस्पताल संचालक से इस पर सवाल किया, तो जवाब चौंकाने वाला था।

अस्पताल संचालक ने पत्रकार से कहा, “सड़क पर पेशाब ही तो किया है, इसमें कौन सी बड़ी बात है। अगर इस रोड पर कावड़िया आ रहे हैं तो हम क्या करें?”


इस प्रकार की बयानबाज़ी न केवल गैरजिम्मेदाराना है, बल्कि धार्मिक भावनाओं और सामाजिक शिष्टाचार के भी खिलाफ है। कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालु भगवान शिव के प्रति अपार श्रद्धा रखते हैं और उनकी यात्रा के मार्ग की शुद्धता व पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
राज्य सरकार और जिला प्रशासन कांवड़ यात्रा को लेकर बेहद गंभीर है। मार्गों की साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा और यातायात नियंत्रण के लिए हर स्तर पर व्यवस्था की गई है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं प्रशासन की मेहनत पर पानी फेरने जैसी हैं।


स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि तीमारदारों और हॉस्पिटल जैसे संस्थानों को ज्यादा जिम्मेदारी दिखानी चाहिए, न कि इस तरह का उपेक्षापूर्ण रवैया।


कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था और अनुशासन की मिसाल होती है। इस प्रकार की घटनाएं समाज में तनाव का कारण बन सकती हैं। प्रशासन को इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए और संबंधित अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी या कार्रवाई के दायरे में लाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

नोट: यह रिपोर्ट प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया पर वायरल जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। प्रशासनिक पुष्टि के बाद अपडेट किया जाएगा।

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