
मेरठ : परतापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में बाहरी लोगों की बढ़ती संख्या और उनके बवालों ने स्थानीय निवासियों को चिंतित कर दिया है। गांववासियों का कहना है कि प्रत्येक शुक्रवार को करीब 250 से 300 लोग इस गांव में आते हैं और विभिन्न प्रकार के हुड़दंग करते हैं। ग्रामीणों के अनुसार, यह बाहरी लोग न केवल सार्वजनिक रास्तों पर स्टंटबाजी करते हैं, बल्कि गांव में मदरसा और मस्जिद के निर्माण के नाम पर माहौल को भी खराब कर रहे हैं। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि यह बाहरी लोग गली-गली में घूमें और रात भर गांव के आसपास का माहौल असुरक्षित बना देते हैं। इन लोगों की संख्या हर 4 महीने में 50 से 60 के बीच बदलती रहती है और ये लोग 12 महीने तक गांव में रहते हैं, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। गांव वालों ने मौलवी की जांच की मांग भी की है। इसके अलावा, गांववासी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि गांव के मदरसे में मौलवी की गतिविधियों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि मौलवी की गतिविधियों की जांच की जानी चाहिए, क्योंकि यह मसला सिर्फ सामाजिक शांति का नहीं, बल्कि सुरक्षा का भी है। ग्रामीणों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है और उन्होंने थाना परतापुर से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि यदि इन बाहरी तत्वों को समय रहते नहीं रोका गया, तो गांव के सामाजिक ताने-बाने में और अधिक विघटन हो सकता है। गांव वालों ने थाना परतापुर का रुख किया है। थाना परतापुर के अधिकारी मामले की जांच करने का आश्वासन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं और स्थानीय पुलिस अपनी जांच शुरू करेगी। हालांकि, पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं, लेकिन अगर कोई कानूनी उल्लंघन पाया जाता है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह स्थिति अब देखना होगा कि गांववासियों की चिंता को देखते हुए पुलिस प्रशासन किस प्रकार इस मामले में हस्तक्षेप करता है और गांव में शांति कायम करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।