गाजियाबाद में अवैध भूजल दोहन पर सख्ती, 15 दिन में आरओ प्लांट और कार वाशिंग सेंटरों को नोटिस



● जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक में कड़े फैसले
● अवैध रूप से संचालित आरओ प्लांट और कार वाशिंग सेंटरों पर होगी कार्रवाई
● भूजल निष्कर्षण के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त ऑनलाइन पंजीकरण की अपील



गाजियाबाद। विकास भवन स्थित दुर्गावती देवी सभागार में मुख्य विकास अधिकारी श्री अभिनव गोपाल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन और विनियमन) अधिनियम के अंतर्गत जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में घरेलू और कृषि उपयोग के लिए कूप पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नवीनीकरण, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक भूजल दोहन से संबंधित मामलों पर चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख रूप से अवैध रूप से संचालित RO प्लांट और कार/बाइक वाशिंग सेंटरों द्वारा भूजल दोहन पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिया कि अवैध रूप से बोरवेल चलाने वाले RO प्लांट और कार वाशिंग सेंटरों को 15 दिन के भीतर अपना बोरवेल बंद करने का नोटिस जारी किया जाए। जुर्माना और कानूनी कार्रवाई के निर्देश अगर कोई संस्थान निर्देशों का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम 2019 के तहत ₹2 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा और बोरवेल सील किया जाएगा। इसके अलावा, जो संस्थान नोटिस के बाद भी शपथ पत्र जमा नहीं करेंगे, उन पर आगे की कानूनी कार्रवाई होगी और बकाया राशि की वसूली के आदेश पारित किए जाएंगे। हाउसिंग सोसायटियों पर भी कार्रवाई बैठक में 61 हाउसिंग सोसायटियों को अवैध भूजल दोहन के कारण पहले ही नोटिस जारी किया गया था। जिन सोसायटियों ने जवाब नहीं दिया, उन्हें 30 कार्य दिवसों का समय देते हुए अनुस्मारक नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा, नगर निगम से इन सोसायटियों की जल आपूर्ति की स्थिति स्पष्ट करने के लिए पत्र भेजा गया है, जिसका उत्तर अभी प्राप्त नहीं हुआ है। पंजीकरण और जागरूकता अभियान घरेलू जल उपभोक्ताओं को भूजल निष्कर्षण के लिए निशुल्क ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए upgwdonline.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की अपील की गई है। प्रेस और समाचार पत्रों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। औद्योगिक इकाइयों की सूची की मांग मुख्य विकास अधिकारी ने MSME पंजीकृत संस्थानों की सूची प्राप्त करने के लिए उपायुक्त उद्योग से ईमेल के माध्यम से जानकारी मांगी है। इसके अलावा, यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्रों में पंजीकृत इकाइयों की सूची भी जल्द उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा गया है। बैठक में जिला प्रशासन, भूगर्भ जल विभाग, नगर निगम, जल निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के अंत में नोडल अधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी और अन्य सदस्यों का धन्यवाद करते हुए बैठक का समापन किया।

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