
● कौशांबी पुलिस की कार्रवाई, निजी सचिव की तलाश जारी
गाजियाबाद। खुद को ओमान का उच्चायुक्त बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेने वाले पूर्व कुलपति डॉ. केएस राणा के सहयोगी गुरप्रीत को कौशांबी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, गुरप्रीत अधिकारियों से बातचीत कर राणा को प्रोटोकॉल दिलाने में मदद करता था। इस मामले में पूर्व कुलपति के निजी सचिव दीप की गिरफ्तारी के प्रयास भी किए जा रहे हैं। पहले भी हो चुकी है केएस राणा की गिरफ्तारी बीते दिनों कौशांबी पुलिस ने चार विश्वविद्यालयों के कुलपति रह चुके डॉ. कृष्ण शेखर राणा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। राणा पर आरोप है कि वह खुद को ओमान सल्तनत का उच्चायुक्त बताकर अलग-अलग जगहों पर वीआईपी सुविधाएं हासिल करता था। मथुरा, आगरा और फरीदाबाद में भी उसने इसी फर्जी पहचान के आधार पर सरकारी सुविधाएं ली थीं।गुरप्रीत की भूमिका आई सामने जांच के दौरान डॉ. केएस राणा के सहयोगी गुरप्रीत का नाम सामने आया, जिसके बाद शुक्रवार को कौशांबी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गुरप्रीत की भूमिका महत्वपूर्ण थी। वीआईपी प्रोटोकॉल के लिए संबंधित विभागों को भेजे जाने वाले पत्रों और ई-मेल पर उसका मोबाइल नंबर दर्ज होता था। वीडियो क्लिप से हुआ खुलासा एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव के मुताबिक, मथुरा में आयोजित एक कार्यक्रम में गुरप्रीत भी डॉ. केएस राणा के साथ था। यह बात वीडियो क्लिप की जांच के दौरान सामने आई। जांच में यह भी पता चला कि डॉ. केएस राणा को एक गैर-सरकारी संगठन ने “ट्रेड कमिश्नर” की उपाधि दी थी, लेकिन उसने खुद को ओमान का उच्चायुक्त बताकर सरकारी सुविधाएं लेना शुरू कर दिया था। निजी सचिव की तलाश जारी एसीपी ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में राणा का निजी सचिव दीप भी शामिल था। पुलिस अब उसकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।